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जल्द ही हज यात्रा पर जाना और सस्ता हो जाएगा। सरकार ने अगले साल से समुद्र मार्ग से हज यात्रा शुरू करने के लिए ग्लोबल टेंडर जारी कर दिए हैं। सरकार की कोशिश है कि मुंबई से जेद्दा तक का 2300 नॉटिकल मील का सफर 3 से 4 दिन में पूरा हो जाए।
अल्पसंख्यक मंत्रालय ने मंहगी हवाई हज यात्रा का सस्ता विकल्प खोज निकाला है। सरकार ने 23 साल बाद समुद्र के रास्ते से हज यात्रा शुरु करने का ऐलान किया है। अभी तक हवाई मार्ग से हज यात्रा काफी महंगी पड़ती थी, जो 2 लाख से ऊपर तक पहुंच जाती थी। लेकिन समुद्र के रास्ते मुंबई से जेद्दा तक का सफर 60 हजार रुपए तक कम होगा।
क्रूज में वर्ल्ड क्लास सुविधाएं
केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के मुताबिक सरकार ने समुद्र यात्रा के लिए ग्लोबल टेंडर जारी कर दिए हैं। उनके मुताबिक जहाज में वर्ल्ड क्लास सुविधाएं होंगी और यात्रा में 3 से 4 दिन लगेंगे। यह जहाज कुल 15 ट्रिप लगाएगा, जिसमें एक बार में 5000 यात्री जा सकेंगे। यह जहाज एक बार में 2300 नॉटिकल मील (एक नॉटिकल मील में 1.8 किमी) का सफर तय करेगा।
नकवी के मुताबिक मंत्रालय के सचिव इस बारे में बातचीत करने के लिए जल्द ही सऊदी अरब रवाना होने वाले हैं। उनके मुताबिक सरकार का टारगेट है कि अगले साल तक कैसे भी हज यात्रा समुद्री मार्ग से शुरू हो जाए।
नकवी के मुताबिक सरकार ने सऊदी अरब के अधिकारियों से बातचीत करके हज यात्रा का कोटा भी बढ़वा दिया है। गौरतलब है कि सऊदी अरब अथॉरिटीज ने इस साल कई देशों का हज कोटा कम कर दिया है। उनके मुताबिक, आजादी के बाद पहली बार 2018 में भारत से रिकॉर्ड 1.75 लाख यात्री हज के लिए जायेंगे। वहीं इस बार हज पर जाने वालों में तकरीबन 47 फीसदी महिलाएं होंगी। इसके अलावा 1038 महिलाएं ऐसी होंगी, जो बिना किसी मैहरम या पुरुष अभिभावक के जाएंगी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को 2022 तक हज यात्रियों को हवाई सफर में मिलने वाली सब्सिडी को खत्म करने को कहा था। जिसके बाद सरकार ने इस साल हज यात्रियों को दी जाने वाली सालाना करीब 400 करोड़ की सब्सिडी की राशि घटाकर 200 करोड़ कर दी है। जिलके चलते इस बार प्रति यात्री हज यात्रा शुल्क 30 से 35 हजार रुपये तक ज्यादा हो गया है।
23 साल पहले आखिरी सफर
साल 1995 तक हज यात्रा समुद्री मार्ग से भी होती थी, जो मुंबई के मझगांव के येलो गेट से सऊदी अरब के जेद्दा तक होती थी। एमवी अकबरी जहाज से होने वाली यह यात्रा 10 से 15 दिनों में पूरी होती थी। लेकिन इस जहाज के काफी पुराने होने के बाद इस यात्रा को समाप्त कर दिया गया।
हज यात्रा में ज्यादा स्वास्थ्य सुविधाएं
नकवी के मुताबिक इस साल हज यात्रियों की सुविधाओं में भी इजाफा किया गया है। उन्होंने बताया कि इस बार हज यात्रियों की स्वास्थ्य जरूरतों का बेहद ख्याल रखा गया है। इसके लिए मक्का में 40 बिस्तरों वाले हॉस्पिटल, मदीना में 15 बिस्तरों वाला हॉस्पिटल और मक्का में डिस्पेंसरी की 10, मदीना में 3 और मक्का में 1 शाखाएं खोली गई हैं।
जल्द ही हज यात्रा पर जाना और सस्ता हो जाएगा। सरकार ने अगले साल से समुद्र मार्ग से हज यात्रा शुरू करने के लिए ग्लोबल टेंडर जारी कर दिए हैं। सरकार की कोशिश है कि मुंबई से जेद्दा तक का 2300 नॉटिकल मील का सफर 3 से 4 दिन में पूरा हो जाए।
अल्पसंख्यक मंत्रालय ने मंहगी हवाई हज यात्रा का सस्ता विकल्प खोज निकाला है। सरकार ने 23 साल बाद समुद्र के रास्ते से हज यात्रा शुरु करने का ऐलान किया है। अभी तक हवाई मार्ग से हज यात्रा काफी महंगी पड़ती थी, जो 2 लाख से ऊपर तक पहुंच जाती थी। लेकिन समुद्र के रास्ते मुंबई से जेद्दा तक का सफर 60 हजार रुपए तक कम होगा।
क्रूज में वर्ल्ड क्लास सुविधाएं
केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के मुताबिक सरकार ने समुद्र यात्रा के लिए ग्लोबल टेंडर जारी कर दिए हैं। उनके मुताबिक जहाज में वर्ल्ड क्लास सुविधाएं होंगी और यात्रा में 3 से 4 दिन लगेंगे। यह जहाज कुल 15 ट्रिप लगाएगा, जिसमें एक बार में 5000 यात्री जा सकेंगे। यह जहाज एक बार में 2300 नॉटिकल मील (एक नॉटिकल मील में 1.8 किमी) का सफर तय करेगा।
नकवी के मुताबिक मंत्रालय के सचिव इस बारे में बातचीत करने के लिए जल्द ही सऊदी अरब रवाना होने वाले हैं। उनके मुताबिक सरकार का टारगेट है कि अगले साल तक कैसे भी हज यात्रा समुद्री मार्ग से शुरू हो जाए।
आजादी के बाद पहली बार सबसे ज्यादा हज यात्री
नकवी के मुताबिक सरकार ने सऊदी अरब के अधिकारियों से बातचीत करके हज यात्रा का कोटा भी बढ़वा दिया है। गौरतलब है कि सऊदी अरब अथॉरिटीज ने इस साल कई देशों का हज कोटा कम कर दिया है। उनके मुताबिक, आजादी के बाद पहली बार 2018 में भारत से रिकॉर्ड 1.75 लाख यात्री हज के लिए जायेंगे। वहीं इस बार हज पर जाने वालों में तकरीबन 47 फीसदी महिलाएं होंगी। इसके अलावा 1038 महिलाएं ऐसी होंगी, जो बिना किसी मैहरम या पुरुष अभिभावक के जाएंगी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को 2022 तक हज यात्रियों को हवाई सफर में मिलने वाली सब्सिडी को खत्म करने को कहा था। जिसके बाद सरकार ने इस साल हज यात्रियों को दी जाने वाली सालाना करीब 400 करोड़ की सब्सिडी की राशि घटाकर 200 करोड़ कर दी है। जिलके चलते इस बार प्रति यात्री हज यात्रा शुल्क 30 से 35 हजार रुपये तक ज्यादा हो गया है।
23 साल पहले आखिरी सफर
साल 1995 तक हज यात्रा समुद्री मार्ग से भी होती थी, जो मुंबई के मझगांव के येलो गेट से सऊदी अरब के जेद्दा तक होती थी। एमवी अकबरी जहाज से होने वाली यह यात्रा 10 से 15 दिनों में पूरी होती थी। लेकिन इस जहाज के काफी पुराने होने के बाद इस यात्रा को समाप्त कर दिया गया।
हज यात्रा में ज्यादा स्वास्थ्य सुविधाएं
नकवी के मुताबिक इस साल हज यात्रियों की सुविधाओं में भी इजाफा किया गया है। उन्होंने बताया कि इस बार हज यात्रियों की स्वास्थ्य जरूरतों का बेहद ख्याल रखा गया है। इसके लिए मक्का में 40 बिस्तरों वाले हॉस्पिटल, मदीना में 15 बिस्तरों वाला हॉस्पिटल और मक्का में डिस्पेंसरी की 10, मदीना में 3 और मक्का में 1 शाखाएं खोली गई हैं।
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