Wednesday, May 2, 2018

China And Pakistan Tensions Push India Defence Expenditure Fifth Largest In The World - सेना पर खर्च करने वाले टॉप-5 देशों में भारत, चीन-पाक के साथ तनाव ने बढ़ाया खर्च

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भारत और चीन अपनी सेनाओं पर खर्च करने वाले दुनिया के शीर्ष-5 देशों में शामिल हैं। दुनिया के सभी देशों की तरफ से वर्ष 2017 में सेना पर खर्च किए गए करीब 100 लाख करोड़ रुपये (1.739 खरब यूएस डॉलर) में से 60 प्रतिशत यानी करीब 60 लाख करोड़ रुपया अकेले इन शीर्ष-5 देशों भारत, चीन, अमेरिका, सऊदी अरब और रूस ने खर्च किया है, जो दुनिया के 60 प्रतिशत देशों की संयुक्त अर्थव्यवस्था से भी ज्यादा खर्च है। 

इनमें भारत सैन्य खर्च के हिसाब से सबसे नीचे यानी 5वें नंबर पर है। सभी देशों ने 2017 की कुल वैश्विक जीडीपी का 2.9 फीसदी मात्र अपनी सेना को सुसज्जित करने पर खर्च किया है। इस बात की रिपोर्ट स्वीडन की एक हथियारों की बिक्री पर नजर रखने वाली वॉचडॉग संस्था स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) ने बुधवार को जारी की है।
 
चीन फिर सैन्य खर्च बढ़ाने में सबसे आगे
एसआईपीआरआई गवर्निंग बोर्ड के चेयरमैन जेन इलियासन ने बताया कि वर्ष 2017 में सेना पर वैश्विक खर्च में वर्ष 2016 के मुकाबले 1.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और पिछले दो दशक से हर साल सबसे ज्यादा सैन्य खर्च बढ़ाने वाला चीन इस बार भी अपने सैन्य खर्च में बढ़ोतरी करने के मामले में सबसे आगे ही रहा है।


22800 करोड़ डॉलर का सैन्य खर्च रहा है चीन का वर्ष 2017 में
48 फीसदी हिस्सेदारी रही है चीन की पूरे एशिया-ओसेनिया क्षेत्र के देशों के कुल सैन्य खर्च में
3.6 गुना ज्यादा खर्च किया है चीन ने भारत के मुकाबले अपने सैन्य खर्च पर 2017 में
6390 करोड़ डॉलर का सैन्य खर्च करते हुए भारत रहा एशिया-ओसेनिया में दूसरे नंबर पर
5.5 फीसदी सैन्य खर्च बढ़ाया है भारत ने वर्ष 2016 के मुकाबले पिछले साल
45 फीसदी कुल सैन्य खर्च बढ़ा चुका है भारत वर्ष 2008 से अब तक हर साल
5.5 फीसदी हिस्सेदारी थी कुल वैश्विक सैन्य खर्च में चीन की वर्ष 2008 के दौरान
13 फीसदी हिस्सेदारी हो गई 2017 तक बढ़कर चीन की वैश्विक सैन्य खर्च में हिस्सेदारी

चीन के कारण बढ़ रहा एशिया का सैन्य खर्च
रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय सरकर चीन और पाकिस्तान के साथ अपने तनाव के चलते सैन्य दलों की संचालन क्षमता को और आधुनिक बनाने पर ध्यान दे रही है, जिससे भारतीय खर्च में अभी बढ़ोतरी जारी रहेगी। उधर, एसआईपीआरआई के सीनियर शोधकर्ता साइमन वेजमैन पूरे एशियाई क्षेत्र में हथियारों की होड़ के लिए चीन का लगातार अपने पड़ोसी देशों के साथ तनाव कायम रखने को जिम्मेदार मानते हैं।


61000 करोड़ डॉलर खर्च किए सेना पर अमेरिका ने वर्ष 2017 में
2.7 गुना ज्यादा खर्च किया अमेरिका ने तीसरे नंबर पर रहे चीन के मुकाबले
00 फीसदी अंतर रहा इसके बावजूद अमेरिका के 2016 व 2017 के सैन्य खर्च में

रूस ने घटा लिया है खर्च
1998 के बाद पहली बार रूस ने अपना सैन्य खर्च घटाया
66300 करोड़ डॉलर रहा रूसी सैन्य खर्च 2017 में
20 फीसदी कम खर्च किया रूस ने सेना पर 2016 के मुकाबले
2014 से रूसी अर्थव्यवस्था में चल रही गिरावट को माना जा रहा कारण

रूस के कारण यूरोपियन देश डरे
2017 में यूरोपियन देशों से कई मुद्दों पर टकराहट रही रूस की
12 फीसदी सैन्य खर्च मध्य यूरोपियन देशों ने बढ़ाया इस साल
1.7 फीसदी खर्च में बढ़ोतरी की पश्चिमी यूरोप के देशों ने सेना पर
90000 करोड़ डॉलर का संयुक्त सैन्य खर्च अमेरिकी नेतृत्व वाले सैन्य संगठन नाटो का
52 फीसदी हिस्सेदारी कुल वैश्विक सैन्य खर्च में रही नाटो में मौजूद 29 देशों की



भारत और चीन अपनी सेनाओं पर खर्च करने वाले दुनिया के शीर्ष-5 देशों में शामिल हैं। दुनिया के सभी देशों की तरफ से वर्ष 2017 में सेना पर खर्च किए गए करीब 100 लाख करोड़ रुपये (1.739 खरब यूएस डॉलर) में से 60 प्रतिशत यानी करीब 60 लाख करोड़ रुपया अकेले इन शीर्ष-5 देशों भारत, चीन, अमेरिका, सऊदी अरब और रूस ने खर्च किया है, जो दुनिया के 60 प्रतिशत देशों की संयुक्त अर्थव्यवस्था से भी ज्यादा खर्च है। 


इनमें भारत सैन्य खर्च के हिसाब से सबसे नीचे यानी 5वें नंबर पर है। सभी देशों ने 2017 की कुल वैश्विक जीडीपी का 2.9 फीसदी मात्र अपनी सेना को सुसज्जित करने पर खर्च किया है। इस बात की रिपोर्ट स्वीडन की एक हथियारों की बिक्री पर नजर रखने वाली वॉचडॉग संस्था स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) ने बुधवार को जारी की है।
 
चीन फिर सैन्य खर्च बढ़ाने में सबसे आगे
एसआईपीआरआई गवर्निंग बोर्ड के चेयरमैन जेन इलियासन ने बताया कि वर्ष 2017 में सेना पर वैश्विक खर्च में वर्ष 2016 के मुकाबले 1.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और पिछले दो दशक से हर साल सबसे ज्यादा सैन्य खर्च बढ़ाने वाला चीन इस बार भी अपने सैन्य खर्च में बढ़ोतरी करने के मामले में सबसे आगे ही रहा है।






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एशिया-ओसेनिया में भारत-चीन आगे







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