पाक बॉर्डर के परिवार के लिए फरिश्ता बनीं DCP
भारत-पाक बॉर्डर पर बसे एक गांव से आखिर दिल्ली पुलिस की डीसीपी असलम खान का क्या रिश्ता है जो वह हर महीने सैलरी का एक हिस्सा उस गांव के एक परिवार को भेजती हैं। वह हर रोज वॉट्सऐप ग्रुप पर गांव से खबर लेती हैं। हर तीसरे दिन फोन कर हाल जानती हैं। इस आईपीएस अफसर और बॉर्डर के उस गांव के इर्द-गिर्द घूमती कहानी को जानेंगे तो भावुक हो उठेंगे।
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