पाकिस्तान हुआ था पस्त, ऑस्ट्रेलिया बना वर्ल्ड चैंपियन
नई दिल्ली यह एक महामुकाबला था। और उसके लिए स्टेज भी तैयार था। दो मजबूत टीमों के बीच मुकाबला था। तारीख थी 20 जून 1999। मैदान लंदन का ऐतिहासिक लॉर्डस स्टेडियम। वर्ल्ड कप वापस इंग्लैंड लौटा था। एक ओर थी वर्ल्ड कप 1992 की चैंपियन और जोशीली पाकिस्तान तो दूसरी ओर कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद फाइनल में पहुंची ऑस्ट्रेलिया की टीम। बड़ी संख्या में दोनों टीमों के फैंस वहां मौजूद थे। बड़े मौके पर कड़े मुकाबले की उम्मीद थी। मगर यह हो न सका। मैच कुछ ऐसा था जैसे मुंबईया फिल्मों में कहते हैं- 'खाया पीया कुछ नहीं, गिलास तोड़ा 12 आना।' यूं समझ लीजिए- नाम बड़े और दर्शन छोटे। पाकिस्तान को हार मिली। और हार भी क्या एकतरफा करारी हार। कोई मुकाबला नहीं। न बल्ले से जोश, न गेंदबाजी से जज्बा। और ऑस्ट्रेलिया ने बड़ी आसानी से मैच जीतकर अपने लगातार तीन वर्ल्ड कप जीतने के सफर का आगाज किया। यह ऑस्ट्रेलिया की ताकत का परिचय था तो वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के अनुमान न लगाए जा सकने वाले खेल की तस्वीर। क्या हुआ मैच में पाकिस्तान के कप्तान वसीम अकरम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी। ग्लेन मैक्ग्रा ने जब 1 रन के निजी स्कोर पर वजाहतुल्लाह वास्ती को बोल्ड किया तब पाकिस्तान का स्कोर 21 रन था। अगले ही ओवर में डेमियन फ्लेमिंग ने सईद अनवर को बोल्ड कर दिया। इसके बाद विकेट गिरने का जो सिलसिला शुरू हुआ वह थमा ही नहीं। शेन वॉर्न ने सबसे ज्यादा चार विकेट लिए। 39 ओवर आते-आते सितारों से सजी पाकिस्तान की पूरी टीम 132 रन पर आउट हो गई। इजाज अहमद ने 22 रनों का योगदान दिया। यह बल्ले से बना सबसे बड़ा स्कोर था। लेकिन सबसे ज्यादा रन तो एक्स्ट्रा से आए, 25। ऑस्ट्रेलिया के लिए लक्ष्य कोई मुश्किल नहीं था। लेकिन उसने इस मुकाबले को ऐसे जीता जैसे कोई विश्व चैंपियन जीतता है। पूरी धमक के साथ। पाकिस्तान की वसीम अकरम, शोएब अख्तर, सकलैन मुश्ताक, अब्दुल रज्जाक और अजहर महमूद की बोलिंग की धज्जियां उड़ा दीं। महज 20.1 ओवर में दो विकेट खोकर ऑस्ट्रेलिया ने मैच जीता। एडम गिलक्रिस्ट ने 36 गेंदों पर ताबड़तोड़ 54 रन बनाए। पाकिस्तान की ओर से वसीम और सकलेन ने एक-एक विकेट लिया। ऑस्ट्रेलिया दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बना। पहली बार 1987 में बना था जब उसने कोलकाता के ईडन गार्डंस में इंग्लैंड को हराया था। अब इंग्लैंड में बना पाकिस्तान को हराकर। वैसे एक अजब संयोग यह भी है कि ऑस्ट्रेलिया ने जिन तीन बार लगातार वर्ल्ड कप जीता (1999, 2003, 2007) तीनों बार उसे फाइनल में एशियाई टीम मिली। पाकिस्तान, भारत और श्रीलंका। और 1996 में श्रीलंका से वह फाइनल में हारा था। खैर, यह अलग बात है। लेकिन 1999 का वर्ल्ड कप सेमीफाइनल, (साउथ अफ्रीका बना ऑस्ट्रेलिया) जितना रोमांचका था, फाइनल उतना ही ऐंटी क्लाइमेक्स।
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